आम जनता पर चालान का बोझ, वर्दी धारी कर रहे मोज ।

आम जनता पर चालान का बोझ, वर्दी धारी कर रहे मौज


वाराणसी। अब इस महाशय वर्दी धारी को देख लीजिये ये वाराणसी पुलिस के सिपाही हैं, बिना हेलमेट ये वाहन चलाते नजर आ रहे हैं, जब इनका चालान ऑनलाइन चेक किया  गया तो इनके वाहन UP27K3049 का बिमा 2008 में समाप्त हो चूका था, ये तस्वीर सिगरा थाना क्षेत्र के कैन्ट रेलवे स्टेशन के बाहर रोड की हैं। परंतु इनका अभी तक कोई चालान नही कटा हैं, जबकि वाहन चेकिंग अभियान तो काफ़ी समय से चल रहा है। लेकिन इनके लिए क्यों नही, इनके जैसे पता नही कितने वर्दी धारी होंगे जो ट्रैफिक नियम की धज्जियां उड़ाते हैं, परंतु ट्रैफिक विभाग के लोग सब देख कर भी अनदेखा कर देते हैं।, आखिर ऐसा क्यों? क्या ये पुलिस विभाग के हैं तो इनके ऊपर कोई नियम कानून लागू नही होता हैं... जबकि शहर में अभियान चला कर वाहनों की चेकिंग की जा रही हैं, परंतु इन जनाब पर आखिरकार किसी ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी की नज़र क्यों नही पड़ी इतने सालों से बिना बिमा की इनकी गाड़ी शहर में दौड़ रही हैं, वही आम पब्लिक का चालान पर चालान किया जा रहा हैं, बस ये आम जनता के ऊपर ही चालान का बोझ लागू होता है , आखिर इनके ऊपर ट्रैफिक पुलिस और पुलिस अधिकारियों की निगाहें अभी तक क्यों नही पड़ी? क्या ये महाशय वर्दीधारी हैं इसलिए इनके ऊपर कोई नियम कानून लागू नही होते?


आम जनता पर चालान का बोझ, वर्दी धारी कर रहे मौज


वाराणसी। अब इस महाशय वर्दी धारी को देख लीजिये ये वाराणसी पुलिस के सिपाही हैं, बिना हेलमेट ये वाहन चलाते नजर आ रहे हैं, जब इनका चालान ऑनलाइन चेक किया  गया तो इनके वाहन UP27K3049 का बिमा 2008 में समाप्त हो चूका था, ये तस्वीर सिगरा थाना क्षेत्र के कैन्ट रेलवे स्टेशन के बाहर रोड की हैं। परंतु इनका अभी तक कोई चालान नही कटा हैं, जबकि वाहन चेकिंग अभियान तो काफ़ी समय से चल रहा है। लेकिन इनके लिए क्यों नही, इनके जैसे पता नही कितने वर्दी धारी होंगे जो ट्रैफिक नियम की धज्जियां उड़ाते हैं, परंतु ट्रैफिक विभाग के लोग सब देख कर भी अनदेखा कर देते हैं।, आखिर ऐसा क्यों? क्या ये पुलिस विभाग के हैं तो इनके ऊपर कोई नियम कानून लागू नही होता हैं... जबकि शहर में अभियान चला कर वाहनों की चेकिंग की जा रही हैं, परंतु इन जनाब पर आखिरकार किसी ट्रैफिक पुलिस या अधिकारी की नज़र क्यों नही पड़ी इतने सालों से बिना बिमा की इनकी गाड़ी शहर में दौड़ रही हैं, वही आम पब्लिक का चालान पर चालान किया जा रहा हैं, बस ये आम जनता के ऊपर ही चालान का बोझ लागू होता है , आखिर इनके ऊपर ट्रैफिक पुलिस और पुलिस अधिकारियों की निगाहें अभी तक क्यों नही पड़ी? क्या ये महाशय वर्दीधारी हैं इसलिए इनके ऊपर कोई नियम कानून लागू नही होते