भारत-इजरायल के मजबूत जोड़ को तोड़ने के लिए पकिस्तान दे सकता है इजरायल को मान्यता।


भारत-इजरायल के मजबूत जोड़ को तोडऩे के लिए पाकिस्तान दे सकता है इजरायल को मान्यता। पीओके को बचाने की चिंता। 
पाकिस्तान उन मुस्लिम राष्ट्रों में शामिल है जिसने अभी तक भी इजरायल को मान्यता नहीं दी है। हालांकि इजरायल जैसे मजबूत देश को पाकिस्तान की मान्यता की खास दरकार भी नहीं है, लेकिन जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद अब पाकिस्तान को अपने कब्जे वाले कश्मीर की चिंता हो गई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान और सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा को डर है कि इजरायल की रणनीति से भारत पीओके को पाकिस्तान से छीन सकता है। पाकिस्तान नहीं चाहता है कि मौजूदा हालातों में पीओके भी हाथ से निकल जाए। पाकिस्तान के लिए चिंता की बात यह भी है कि पीओके में आजादी के लिए आंदोलन भड़क गया है। ऐसे में यदि भारत ने थोड़ी सी भी हवा दे दी तो पाकिस्तान के हाथ से मुज्जफराबाद जैसे क्षेत्र निकल जाएंगे। जानकारों की माने तो अब पाकिस्तान अपनी विदेश नीति में बदलाव करने जा रहा है। इसके अंतर्गत इजरायल को मान्यता देना शामिल हैं। पाकिस्तान को लगता है कि मान्यता देने से इजरायल का झुकाव भारत की ओर कम हो जाएगा और पाकिस्तान, भारत के पीओके पर संभावित हमले से भी बच जाएगा। असल में पूरी दुनिया में इजरायल को ही छापामार और आतंकी कार्यवाहियों से मुकाबला करने तथा फिलीस्तीन के चरमपंथियों को काबू में रखने का लम्बा अनुभव है। यह तो समय ही बताएगा कि पाकिस्तान से मान्यता मिल जाने के बाद इजरायल का भारत के प्रति क्या रुख रहता है, लेकिन फिलहाल भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के बीच फेवीकोल वाला मजबूत गठजोड़ है। भारत प्रति वर्ष 7 हजार करोड़ रुपए के सैन्य उपकरण तथा गोला बारुद इजरायल से खरीदता है। पिछले दिनों पाकिस्तान के बालाकोट में भारत ने जो एयर स्ट्राइक की थी उसमें इजरायल निर्मित बम ही गिराए थे। हालांकि यूपीए सरकार में भी भारत और इजरायल के संबंध अच्छे  थे, लेकिन नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बिना झिझक के संबंधों को और मजबूत किया गया। भारत का मानना है कि पाकिस्तान द्वारा मान्यता दे दिए जाने के बाद भी भारत-इजरायल  के संबंध पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। असल में कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान को एक भी मुस्लिम देश का समर्थन नहीं मिलने से पाकिस्तान का अब मुस्लिम देशों से भी मोह भंग हो गया है, इसलिए वह अब इजरायल जैसे देश की ओर देख रहा है।