कश्मीर की घाटी से भी सख्त है, टोंक के मालपुरा का कर्फ्यू।


कश्मीर की घाटी से भी सख्त हैं टोंक के मालपुरा का कफ्र्यू। 
मासूम बच्चों को दूध तक नसीब नहीं। 
पुलिस के डंडे ने अखबार भी नहीं बटने दिया। 
सांसद जौनपुरिया का अहम सवाल। 
१० अक्टूबर को राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा कस्बे में लगातार दूसरे दिन भी सख्त और अमानवीय कफ्र्यू लगा रहा। ८ अक्टूबर को राम बारात पर पथराव की घटना के बाद से ही मालपुरा के हालात बिगड़ गए। प्रशासन ने तत्काल कफ्र्यू लगा दिया। कफ्र्यू भी ऐसा कि गर्भवती महिलाओं और नवजात बच्चो को दूध तक नहीं मिल रहा है। कफ्र्यू की सख्ती का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि दैनिक समाचार पत्रों का वितरण तक नहीं हो रहा है। ८ अक्टूबर की रात से ही इंटरनेट सेवाएं बंद हैं। लोगों को घरों से नहीं निकलने दिया जा रहा है। बीमार व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल भी नहीं पहुंच रहा है। स्कूल-कॉलेज, सरकारी दफ्तर बैंक  आदि सब बंद हैं। कफ्र्यू की इतनी सख्ती से आम आदमी बुरी तरह परेशान हैं। आरोप यह है कि राम बारात पर पत्थर फेंकने वालों के खिलाफ कार्यवाही भी नहीं हो रही है। कफ्र्यू में कब ढील दी जाएगी अभी कहा नहीं जा सकता। संभागीय आयुक्त हनुमान सहाय मीणा, आईजी संजीव नर्जरी, टोंक कलेक्टर केेके शर्मा, एसपी आदर्श सिद्धू आदि बड़े अधिकारी  मालपुरा में कैम्प कर हालात को सुधारने में लगे हुए हैं। दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों के साथ प्रशासन संवाद कर रहा है। 
कश्मीर घाटी से भी सख्त है कफ्र्यू :
राजस्थान में अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार है और टोंक से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट विधायक हैं। गुलाम नबी आजाद से लेकर कांग्रेस के सभी बड़े नेता कश्मीर घाटी में लगी पाबंदियों को कफ्र्यू बता रहे हैं। आरोप है कि सख्त कफ्र्यू से कश्मीरी परेशान हैं। जबकि हकीकत यह है कि श्रीनगर से सभी दैनिक समाचार पत्र छप रहे हैं तथा घाटी में सभी नागरिकों को खाने पीने से लेकर चिकित्सा सुविधा तक उपलब्ध करवाई जा रही है। गर्भवती महिलाओं और बच्चों को दूध भी मिल रहा है। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद ३७० को निष्प्रभावी करने के बाद पांच अगस्त से धारा १४४ के अंतर्गत पाबंदियां लगाई गई थीं। जम्मू से लेकर लद्दाख तक के अस्सी प्रतिशत क्षेत्र से सभी पाबंदियां हटा ली गई। लेकिन घाटी के पांच छह जिलों में अभी कुछ पाबंदियां लगी हुई हैं। ऐसी पाबंदियों को ही कांग्रेस के नेता अमानवीय कफ्र्यू बता रहे हैं। 
भाजपा सांसद का सवाल :
टोंक के भाजपा सांसद सुखवीर जौनपुरिया ने मालपुरा की घटना पर सवाल उठाया कि जब मुस्लिम समुदाय के सभी धार्मिक आयोजन बगैर किसी बाधा के सम्पन्न होते हैं तब हिन्दुओं के धार्मिक आयोजनों पर पथराव क्यों होता है? उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते, लेकिन हिन्दू समुदाय को भी अपने तीज त्यौहार मानने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रशासन को गंभीरता दिखाते हुए मालपुरा के लोगों को जल्द से जल्द कफ्र्यू से राहत देनी चाहिए। कफ्र्यू की वजह से मालपुरा के लोग बेहद परेशान है। 


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