मित्रो,जब सैयां हैं कोतवाल तो फिर धर काहे का, की कहावत तो आपने सुनी होगी यह कहावत लखनऊ नगर निगम के सबसे बड़े कार्यदाई संस्था के संचालक रणधीर सिंह पर सही बैठती है जो नगर निगम में अपने भतीजे भांजे आदि के नाम पर काई संस्थाओं के माध्यम से सफाई के कार्य का ठेका लेकर नगर अधिकारियों की मिलीभगत से सफाई कर्मचारियों की EPF/ESi की रकम में हेरा फेरी कर लखनऊ नगर निगम व सफाई कर्मचारियों के हिस्से की रकम को डकार कर अमानत में खयानत कर चूना लगा रहे हैं। जिसकी लखनऊ नगर महापालिका कर्मचारी यूनियन कई बार नगर आयुक्त महोदय जी को मांग पत्र के माध्यम से शिकायत कर चुकी है।
उक्त कार्यदाई संस्था जितने कर्मचारियों की रकम नगर निगम से भुगतान कराती रही है उतने कर्मचारी सफाई के लिए नही लगाए जाते हैं बल्कि जो कर्मचारी लगे हैं उन्हीं से मानक के विपरीत कार्य कराया जाता है।इसके अतिरिक्त लखनऊ नगर निगम में अपने किये अनुबंध का पालन न करते हुए कर्मचारियों व नगर निगम के साथ धोखा करते रहे है कर्मचारियों के विरोध करने पर मनमानी कर जब चाहते हैं किसी भी कर्मचारी को हटा देते हैं।
गौर करने की बात है कि आज तक किसी भी सफाई कर्मचारी को EPF/ESi की कटौती का कोई प्रमाण उपलव्ध कराया गया न ही किसी को परिचय पत्र दिया गया।
अगर जल्द ही कार्यदाई संस्था के कर्मचारियों को कार्यदाई संस्थाओं द्वारा किये गए अनुबंध के अनुरूप कर्मचारियों के अधिकार नही दिए गए तो यूनियन उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए भाध्य होगी भले ही न्यायालय की शरण मे जाना पड़े।
जगदीश अटल वाल्मीकि
महामंत्री
लखनऊ नगर महापालिका कर्मचारी यूनियन