सदेव अपने हृदय में विराजित करे, विसर्जित नहीं क्योंकि यदि विघ्नहर्ता ही विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा , कभी सोचा है*

"कलाम द ग्रेट न्यूज संवाददाता मयंक सिन्हा"

सदेव अपने हृदय में विराजित करे, विसर्जित नहीं क्योंकि यदि विघ्नहर्ता ही विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा , कभी सोचा है*

श्री गणेश उत्सव पर विशेष 

गणेश पूजा अवश्य करे, श्री गणेश उत्सव  पूरे जोर शोर से मनाएं परंतु भेड़ चाल ना अपनाएं. श्री गणेश जी क़ो कभी भी विदा नही किया जाता. पूजा इत्यादि के पश्चात भी पंडित जी सभी देवी देवताओं क़ो विदा करते है लेकिन श्री गणेश जी व लक्ष्मी जी क़ो कभी विदा नही करते.श्री गणेश जी उत्तर भारत में सदैव सदा विराजमान रहते है।

जरा सोचिए, अगर आप गणेश जी विसर्जित करके कहेंगे की अगले बरस तू जल्दी आ, तो फिर आप दीपावली पर किसका पूजन करेंगे. श्री गणेश जी को सदेव अपने हृदय में विराजित करे, विसर्जित नहीं क्योंकि यदि विघ्नहर्ता ही विदा हो गए तुम्हारे विघ्न कौन हरेगा. कभी सोचा है कि श्री गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन क्यों किया जाता है.

अधिकतर लोग एक दूसरे की देखा देखी गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, और 3 या 5 या 7 या 11 दिन की पूजा के उपरांत उनका विसर्जन भी करेंगे। विसर्जन केवल महाराष्ट्र में ही होता हैं क्योंकि गणपति वहाँ एक मेहमान बनकर गये थे.

एक बार महाराष्ट्र में भयंकर अकाल पड़ा भीषण आर्थिक तंगी हुई तब कार्तिकेय जी ने गणेश जी को रिद्धि सिद्धि सहित आमंत्रित किया कुछ दिन वहाँ रहने का आग्रह किया था जितने दिन गणेश जी वहां रहे उतने दिन माता लक्ष्मी और उनकी पत्नी रिद्धि व सिद्धि वहीँ रही इनके रहने से लाल बाग धन धान्य से परिपूर्ण हो गया, तो कार्तिकेय जी ने उतने दिन का गणेश जी को लालबाग का राजा मानकर सम्मान दिया यही पूजन गणपति उत्सव के रूप में मनाया जाने लगा। 

अब रही बात देश की अन्य स्थानों की तो गणेश जी हमारे घर के मालिक हैं और घर के मालिक को कभी विदा नही करते वहीं अगर हम गणपति जी का विसर्जन करते हैं तो उनके साथ लक्ष्मी जी व रिद्धि सिद्धि भी चली जायेगी तो जीवन मे बचा ही क्या। 

हम बड़े शौक से कहते हैं *गणपति बाप्पा मोरया अगले बरस तू जल्दी आ* इसका मतलब हमने एक वर्ष के लिए गणेश जी लक्ष्मी जी आदि को जबरदस्ती पानी मे बहा दिया, तो आप खुद सोचो कि आप किस प्रकार से नवरात्रि पूजा करोगे, किस प्रकार दीपावली पूजन करोगे और क्या किसी भी शुभ कार्य को करने का अधिकार रखते हो जब आपने उन्हें एक वर्ष के लिए भेज दिया। 

इसलिए गणेश जी की स्थापना करें पर विसर्जन कभी न करे। अपने धर्म क़ो समझें और सही आचरण करें, गलत कार्य करके अपने सनातन धर्म क़ो विकृत ना करें.

सभी से निवेदन है समझदारी का परिचय देवे, भेड़चाल में कोई भी गलत आचरण ना करें. प्रथम पूज्य श्री गणेश जी का आशीर्वाद हम सभी पर सदैव बना रहे.

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